शांति की तलाश में अब शवों की खोज! मिस्र और रेड क्रॉस को मिली अनुमति

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

इसराइली अधिकारियों ने पहली बार पुष्टि की है कि मिस्र और इंटरनेशनल रेड क्रॉस (ICRC) की टीमों को ग़ज़ा में बंधकों के शव खोजने की अनुमति दे दी गई है।
7 अक्टूबर 2023 के हमले के बाद से कई इसराइली नागरिक हमास के कब्जे में थे। अब, समझौते के पहले चरण में, शवों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

‘पीली रेखा’ के पार मिलेगी इजाज़त

इसराइली सरकार के मुताबिक़, टीमों को IDF (इसराइली डिफेंस फोर्स) के नियंत्रण वाले क्षेत्र की ‘पीली रेखा’ से आगे तक खोज की अनुमति दी गई है।
ग़ज़ा के कई हिस्से अभी भी मलबे में तब्दील हैं, जहाँ बंधकों के शव मिलने की संभावना जताई जा रही है।

हमास भी खोज में शामिल!

इसराइली मीडिया के अनुसार, हमास के कुछ सदस्य भी ICRC टीमों के साथ ग़ज़ा के IDF-नियंत्रित हिस्से में प्रवेश कर सकते हैं ताकि खोज अभियान में मदद मिल सके।
मतलब, अब युद्ध के दुश्मन एक साथ ‘डेड बॉडीज़’ की तलाश में हैं — इसे ही शायद “मिडल ईस्ट मोरल ट्विस्ट” कहा जाएगा।

समझौते की शर्तें और शवों की वापसी

अमेरिका की मध्यस्थता में हुए संघर्षविराम समझौते के तहत, हमास ने अब तक 28 में से 15 शव लौटाए हैं। समझौते में साफ है कि सभी शवों को मिस्र के कोऑर्डिनेशन में वापस करना होगा। हमास ने कहा, “हम मिस्र के अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं।”

की चेतावनी: “शव लौटाओ, वरना परिणाम भुगतो”

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को चेतावनी दी है कि वह बंधकों के शव जल्द लौटाए, वरना “इस शांति प्रक्रिया में शामिल अन्य देश उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।”
यानि अब शांति की टेबल पर ‘कैंडल’ नहीं, ‘कैज़ुअल्टी’ रखी जा रही है।

जहाँ कभी गोलियाँ चलीं, अब ग़ज़ा में खोज दल टॉर्च लेकर घूम रहे हैं। कभी “लौटाओ हमारे लोग” कहा जाता था, अब कहा जा रहा है — “लौटाओ हमारे शव।”
लगता है, अब मिडल ईस्ट की राजनीति “पीस टॉक्स” से ज्यादा “पीस ऑफ़ बॉडीज़” पर टिक गई है।

“Trump बोले — India ने तेल कम किया, अब China से कराऊंगा शांति वार्ता

Related posts

Leave a Comment